उत्तर प्रदेश सरकार इस साल अयोध्या में आठवें दीपोत्सव के तहत ऐतिहासिक श्री राम जन्मभूमि मंदिर में पहली दिवाली मनाने के लिए भव्य तैयारियाँ कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में इस वर्ष 25 से 28 लाख दीप जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बनेगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश भी देगा।
राम मंदिर की पहली दिवाली में विशेष दीप
इस बार के दीपोत्सव में सजीवता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है। राम मंदिर परिसर में ऐसे विशेष ईको-फ्रेंडली दीयों का उपयोग किया जाएगा जो मंदिर की संरचना को कालिख और धुएं से प्रभावित नहीं करेंगे। इनमें विशेष मोम के दीपक जलाए जाएंगे जो लंबे समय तक जलते रहेंगे और न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन करेंगे।
सरयू के घाटों पर लाखों दीपों की रोशनी
सरयू नदी के किनारे लाखों दीप जलाए जाएंगे, जो पूरे क्षेत्र को रोशनी से जगमग करेंगे। हर दीप एक नई ऊर्जा और आस्था का संदेश देगा। सरकार ने इन दीपों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक मजबूत संदेश देने का प्रयास किया है।
मंदिर की सजावट और स्वच्छता
राम मंदिर का हर हिस्सा विशेष रूप से सजाया जाएगा। सरकार ने मंदिर के प्रत्येक सेक्शन की सजावट का जिम्मा अलग-अलग टीमों को सौंपा है। सजावट में विशेष फूलों का उपयोग किया जाएगा जो मंदिर की भव्यता में चार चाँद लगाएंगे। पूर्व आईजी अशु शुक्ला को इस दीपोत्सव के दौरान सभी व्यवस्थाओं का जिम्मा सौंपा गया है। मंदिर परिसर की स्वच्छता और प्रवेश द्वार की सजावट पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
भव्य ‘भवन दर्शन’ के लिए खुलेगा मंदिर
इस दीपोत्सव को और अधिक भव्य और यादगार बनाने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने घोषणा की है कि 29 अक्टूबर से 1 नवंबर तक मंदिर का ‘भवन दर्शन’ रात 12 बजे तक खुलेगा। यह आयोजन अयोध्या की दिवाली को एक वैश्विक उत्सव का रूप देगा, जहाँ दुनिया भर से श्रद्धालु आकर इस दिव्यता को महसूस कर सकेंगे।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रेरणास्पद संदेश
22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को एक सशक्त, सक्षम और दिव्य देश बनाने का आह्वान किया था। उन्होंने मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर एक “मजबूत और दिव्य भारत” की नींव रखने का संदेश दिया। यह दीपोत्सव उसी आस्था और ऊर्जा का प्रतीक बनेगा, जहाँ धर्म और पर्यावरण की रक्षा का सन्देश भी मिलेगा।
समापन
अयोध्या का यह दीपोत्सव हर वर्ष की तरह इस बार भी एक नई उम्मीद, आस्था और उल्लास का प्रतीक बनेगा। इस भव्य आयोजन में अयोध्या एक बार फिर से भारत के सांस्कृतिक वैभव का केंद्र बनेगा और दुनिया को दिवाली की असली चमक दिखाएगा।