दीवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का सबसे प्रमुख त्यौहार है जिसे ‘रोशनी का पर्व’ भी कहते हैं। यह त्यौहार अच्छाई की बुराई पर विजय, ज्ञान की अज्ञान पर विजय और प्रकाश की अंधकार पर विजय का प्रतीक माना जाता है। इस पर्व को भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।
दीवाली 2024 का इतिहास
हिंदू मान्यता के अनुसार, भगवान राम 14 वर्ष के वनवास और लंका के राजा रावण का वध करने के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने पूरे शहर को दीपों से सजाया था। यही परंपरा समय के साथ दीपावली या रोशनी के पर्व के रूप में बदल गई। इस दिन गणेश और लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है, जो सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद माना जाता है।
दीवाली का महत्व
दीवाली केवल एक त्यौहार नहीं है, बल्कि यह जीवन में नई शुरुआत, सौभाग्य, और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने घरों को दीपों, रंग-बिरंगी लाइटों और मोमबत्तियों से सजाते हैं। मिठाइयाँ बांटी जाती हैं, उपहारों का आदान-प्रदान होता है, और इस प्रक्रिया से न केवल घरों में रौनक होती है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे की भावना भी बढ़ती है।
दीवाली को नए व्यापार, घर, या किसी अन्य कार्य की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है। लोग इस दिन लक्ष्मी पूजन करते हैं और मानते हैं कि इससे उन्हें सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
दीवाली 2024 की तिथि और समय
हिंदू चंद्र-सौर पंचांग के अनुसार, दीवाली का पर्व कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है, जो वर्ष की सबसे अंधेरी रात मानी जाती है। इस साल दीवाली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे शुरू होगी और 1 नवंबर को शाम 6:16 बजे समाप्त होगी।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर को शाम 5:12 बजे से शाम 6:16 बजे तक रहेगा। इस दिन भारतीय स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक विशेष ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ सत्र का भी आयोजन किया है, जो शाम 6 बजे से 7 बजे तक रहेगा। यह विशेष ट्रेडिंग सत्र दीवाली के मौके पर सौभाग्य और समृद्धि की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
दीवाली का 5-दिवसीय पर्व
दीवाली का पर्व पाँच दिनों तक चलता है, जिसमें हर दिन का अपना अलग महत्व होता है:
- धनतेरस – इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, या अन्य कीमती वस्तुओं की खरीदारी का विशेष महत्व है।
- नरक चतुर्दशी – इस दिन को बुराई के विनाश का प्रतीक माना जाता है।
- दीवाली – यह मुख्य दिन है जब लक्ष्मी और गणेश की पूजा होती है और घरों में दीप जलाए जाते हैं।
- गोवर्धन पूजा – इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है।
- भाई दूज – भाई और बहन के रिश्ते का यह पर्व विशेष रूप से भाई-बहन के स्नेह को दर्शाता है।
Also Read: Diwali Bank Holiday 2024: जानें इस त्योहारी सीज़न में कब-कब बंद रहेंगे बैंक?
निष्कर्ष
दीवाली का पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है बल्कि यह हमें हर वर्ष अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। यह पर्व परिवार और समुदाय में एकता, सौहार्द, और प्रेम का प्रतीक है। इस दीवाली, अपने घरों को रौशनी से सजाएँ, दिलों में प्रेम जगाएँ, और समाज में खुशियों का प्रसार करें।
आप सभी को दीवाली की शुभकामनाएँ!